कलयुग की घरती, poem in Hindi, कविता कोश, poetry, Ghazal poems, poetry, shayari in Hindi, कविता, poems, 10 lines poem,4 lines poem,5 lines poem.
कलयुग की घरती /बेस्ट पोएम इन हिन्दी/
कविता कोश / Ghazal / Hindi poem / poetry Ghazal / poems
Poems in Hindi.
Hindi me Kavita कलयुग की घरती :- दोस्तो अगर आप कलयुग की घरती पर कविता ढूंढ रहे हैं तो आप बिल्कुल सही वेबसाइट पर आए है । आज हम इस पोस्ट में कल्युग की घरती पर लोकप्रिय कविता आपके साथ शेयर करने जा रहे हैं ।
कलयुग की घरती
कहने को है ये जग सारे ,
भाई हमारा बहन हमारे ।
जो एक बार करुण स्वर फिराया ,
कोई ना आया पास हमारे ।
आज के इस कलयुग की घरती ने ,
सींचा है कितने पाप को ।
चलना तुम थोड़ा सम्भल के ,
यहाँ सब रहेंगे बैरी तुम्हारे ,
फिर भी कहने को है ये जग सारे ,
भाई हमारा बहन हमारे ।
अल्टीमेट राइटिंग गाइड!
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें